आज के दौर में कौन नहीं चाहता कि उसके परिवार , गाँव व समाज की ख्याति बढ़े | इसके लिए सबसे ज़रूरी है कि शिक्षा प्राप्त समुदाय व समाज हो | इस परिप्रेक्ष्य में बहुत हद तक कामयाब भी हुए हैं , लेकिन आज भी २१वीं सदी में कहीं - कहीं शिक्षा का प्रचार – प्रसार नहीं हो पाया इसके कारण चाहे जो भी हो | अब तो पूरे देश में शिक्षा प्रबंध व गुणवत्ता का प्रश्न सबके सामने आ खड़ा हुआ है | इसके बावजूद भी लोग अपने समाज , देश में संघर्ष कर रहे हैं | ऐसे ही संघर्ष करते हुए एक कहानी झारखण्ड की है | झारखण्ड का नाम सुनते ही आपके मन में शैक्षिक , आर्थिक व सामाजिक रूप से अति पिछड़े होने का चित्रण प्रदर्शित होने लगता होगा | पश्चिमी सिंहभूम जिले के सोनुआ ब्लाक में ‘ प्रथम संस्था ’ द्वारा संचालित लाइब्रेरी कार्यक्रम समीक्षा के दौरान मंगलू नाम के स्वयंसेवी से मुलाकात हुई | मंगलू नवागाँव के रहने वाले है | इनके ...