खोरठा लिपि खोरठा लिपि : एक परिचय खोरठा लिपि में क+अ - का माना गया है और लिखने के क्रम में आकार मात्रा अलग से लगाया जाता है। खोरठा लिपि मेें क$अ - का लिखा और पढ़ा भी जाता है। अलग आकार की मात्रा खोरठा लिपि में नहीं लगाया जाता है। इसी पाँच स्वर वर्ण को मात्रा की जगर हुबहु लिखा और पढ़ा जाता है। जैसे - क+अ- का, क+इ- कि, क+इइ-की, क+ए- के, क+एए- कै, क+उ- कु, क+उउ- कू, क+ए- के, क+एए- कै, क+उ- कु, क+उउ- कू, क+अउ- को, क+अउउ- कौ के अलावे खोरठा लिपि में ’ओ’ स्वतंत्र वर्ण है। खोरठा भाषा के उच्चारण में आधा वर्ण नहीं होता है और न ही संयुक्ताक्षर अक्षर या शब्द होते हैं। ऐसे में इस खोरठा लिपि का प्रयोग खोरठा लेखन में सरलता से किया जा सकता है। खोरठा में जो संयुक्ताक्षर के शब्द प्रचलित हैं वे पूर्णतः संस्कृत अथवा अन्य भाषा के शब्द हैं, बोल चाल में भी स्टेशन को ’टिसन’ और व्याकरण को ’बेयाकरन’ उच्चारण किया जाता है।