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भोले भाले बादल (बाल कविता )


मन से भोले भाले होते
       बादल काले काले होते

कुछ रहते हें मुँह लटकाये
     कुछ तो देखो तोंद फुलाए

आसमान में दौड़ा करते
       बरसा थोड़ा थोड़ा करते

देखो बच्चों को धमकाए
        घड़ी घड़ी बिजली चमकाए

यह बिजली हथियार हे उसका
           धुएँ सा आकार है उसका

माँ यह बादल कहाँ से आता
      घर अपना क्यों नहीँ बतलाता

माँ में जब बड़ा होऊँगा
        बादल के घर जाऊँगा

कह कर उसकी माँ से
           डाँट उसे खिलवाऊंगा।

                  

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