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Showing posts from February, 2017
हम हिंदुस्तानी हम हें हिंदुस्तान के बन्दे,वन्दे मातरम् नारा है जिन्दाबाद है हिंदुस्तान ये हिन्दुस्तान हमारा है। इस रत्नप्रस्वनि भारत माँ के वीर निराले हें हम तो आज़ाद,भगत सिंह,वीर कुँवर  ऐसे मतवाले हें हम तो। राणा प्रताप सा शेर यहाँ चढ़ चेतक निकला करता है बालक एक भरत जैसा शेरोँ से खेला करता है। इस मिट्टी का एक तनय लहरों पर बाँध बनाया है बाल्यकाल में ही एक ने जलते सूरज को खाया है। यहाँ बेटियाँ दुर्गा है काली है और भवानी है दुश्मन को धूल चटाने वाली हर एक झाँसी की रानी है। यहाँ चक्र सुदर्शन कान्हा का और राणाजी का भाला है सभी भक्त हर हर बम बम का बम बम जपने वाला है। क्या इससे लौहा लेगा रे पाक तुम्हारी खेर नहीँ सोया शेर जगा मत,तुझसे इसको वैर नहीँ। क्या तुझको है ज्ञात नहीँ शम्भाजी की तरुणाई है कई बार शरहद पर इससे तुमने मुंहकी खाई है। शेर है सत्ता पर बैठा ,हरकत शैतानी बन्द करो दम है तो शरहद पर ,इसकी सेना से द्वन्द करो। तब इतिहास रचेंगे मोदी,सेना पाक को जायेगी राउलपिंडि,लाहौर,सिन्ध पर अपना झण्डा फहराऐगी                ...

सिंहासन से दूर हटो जनता इसका अधिकारी है l

सिंहासन से दूर हटो जनता इसका अधिकारी है भूख गरीबी में झोंका हर एक नजर लाचार हुआ तब जाकर आवाम के मन में ऐसा दिव्य विचार हुआ तू नहीँ है सत्ता के लायक, तू तो इसका संहारी है। सिंहासन से दूर हटो जनता इसका अधिकारी है। देख लिया सबको सब दोजक केवल अपना भरता है कैसी यह आज़ादी जब आवाम भूख से मरता है पूँजी को पूँजी मिलती और भूखे से छिनती रोटी हुआ जा रहा यह जाने पल पल और अधिक मोटी हर एक निवाला उस भूखे को देने की तैयारी है। सिंहासन :::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::। भाषण, निर्वाचन,आरक्षण केवल इतना ठाना है बैमानी,मक्कारी,भ्रष्टाचारी को अपनाना है नहीँ पनपने देगी जनता तेरे सारे मनसूबे आरक्षण के दौर ने जम्मूदीप हमारे ले डूबे मिलेगी उसको आरक्षण जो इसका उपहारी है सिंहासन ::::::::::::::::::::::::::::::::::::::। हथियार बना कर आरक्षण को जाति जाति बाँट दिया बढ़ते भारतवर्ष के पग को आरक्षण से काट दिया ले तलवार वो आरक्षण की वक्र भुजाएँ काटेगी घर्घर नाद सुनाती जनता हो सवार रथ आएगी कर एक लीये वह चक्र सुदर्शन दूजे हाथ कटारी है सिंहासन::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::...