हम हिंदुस्तानी
हम हें हिंदुस्तान के बन्दे,वन्दे मातरम् नारा है
जिन्दाबाद है हिंदुस्तान ये हिन्दुस्तान हमारा है।
इस रत्नप्रस्वनि भारत माँ के वीर निराले हें हम तो
आज़ाद,भगत सिंह,वीर कुँवर ऐसे मतवाले हें हम तो।
राणा प्रताप सा शेर यहाँ चढ़ चेतक निकला करता है
बालक एक भरत जैसा शेरोँ से खेला करता है।
इस मिट्टी का एक तनय लहरों पर बाँध बनाया है
बाल्यकाल में ही एक ने जलते सूरज को खाया है।
यहाँ बेटियाँ दुर्गा है काली है और भवानी है
दुश्मन को धूल चटाने वाली हर एक झाँसी की रानी है।
यहाँ चक्र सुदर्शन कान्हा का और राणाजी का भाला है
सभी भक्त हर हर बम बम का बम बम जपने वाला है।
क्या इससे लौहा लेगा रे पाक तुम्हारी खेर नहीँ
सोया शेर जगा मत,तुझसे इसको वैर नहीँ।
क्या तुझको है ज्ञात नहीँ शम्भाजी की तरुणाई है
कई बार शरहद पर इससे तुमने मुंहकी खाई है।
शेर है सत्ता पर बैठा ,हरकत शैतानी बन्द करो
दम है तो शरहद पर ,इसकी सेना से द्वन्द करो।
तब इतिहास रचेंगे मोदी,सेना पाक को जायेगी
राउलपिंडि,लाहौर,सिन्ध पर अपना झण्डा फहराऐगी
हम हें हिंदुस्तान के बन्दे,वन्दे मातरम् नारा है
जिन्दाबाद है हिंदुस्तान ये हिन्दुस्तान हमारा है।
इस रत्नप्रस्वनि भारत माँ के वीर निराले हें हम तो
आज़ाद,भगत सिंह,वीर कुँवर ऐसे मतवाले हें हम तो।
राणा प्रताप सा शेर यहाँ चढ़ चेतक निकला करता है
बालक एक भरत जैसा शेरोँ से खेला करता है।
इस मिट्टी का एक तनय लहरों पर बाँध बनाया है
बाल्यकाल में ही एक ने जलते सूरज को खाया है।
यहाँ बेटियाँ दुर्गा है काली है और भवानी है
दुश्मन को धूल चटाने वाली हर एक झाँसी की रानी है।
यहाँ चक्र सुदर्शन कान्हा का और राणाजी का भाला है
सभी भक्त हर हर बम बम का बम बम जपने वाला है।
क्या इससे लौहा लेगा रे पाक तुम्हारी खेर नहीँ
सोया शेर जगा मत,तुझसे इसको वैर नहीँ।
क्या तुझको है ज्ञात नहीँ शम्भाजी की तरुणाई है
कई बार शरहद पर इससे तुमने मुंहकी खाई है।
शेर है सत्ता पर बैठा ,हरकत शैतानी बन्द करो
दम है तो शरहद पर ,इसकी सेना से द्वन्द करो।
तब इतिहास रचेंगे मोदी,सेना पाक को जायेगी
राउलपिंडि,लाहौर,सिन्ध पर अपना झण्डा फहराऐगी
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