राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) में Teachers' Need Assessment को एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया के रूप में पहचाना गया है ताकि शिक्षकों की पेशेवर क्षमताओं को बेहतर बनाया जा सके और उन्हें निरंतर व्यावसायिक विकास (Continuous Professional Development - CPD) के लिए उचित अवसर मिलें।
NEP 2020 में Teachers' Need Assessment की मुख्य बातें:
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व्यक्तिगत पेशेवर विकास की योजना (Personalized Professional Development):
शिक्षकों की आवश्यकताओं के अनुसार व्यक्तिगत प्रशिक्षण योजनाएं बनाई जाएंगी। इसके लिए समय-समय पर नीड असेसमेंट किया जाएगा ताकि यह पता लगाया जा सके कि शिक्षक को किन क्षेत्रों में प्रशिक्षण की आवश्यकता है। -
School Complex/Cluster आधारित मूल्यांकन:
स्कूल कॉम्प्लेक्स या क्लस्टर स्तर पर नियमित रूप से शिक्षकों की जरूरतों का आकलन किया जाएगा। इससे स्थानीय स्तर पर सुधार की दिशा तय की जा सकेगी। -
ICT आधारित प्लेटफॉर्म (DIKSHA आदि):
डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का उपयोग करके शिक्षक स्वयं अपनी आवश्यकताओं का मूल्यांकन कर सकेंगे और अपनी पसंद के अनुसार प्रशिक्षण मॉड्यूल चुन सकेंगे। -
360 डिग्री Holistic Performance Appraisal:
शिक्षक मूल्यांकन केवल छात्रों के प्रदर्शन पर आधारित नहीं होगा, बल्कि सहकर्मी, प्रधानाध्यापक, माता-पिता, और स्वयं मूल्यांकन के आधार पर समग्र मूल्यांकन किया जाएगा। यह प्रक्रिया भी नीड असेसमेंट का हिस्सा होगी। -
NISHTHA और अन्य प्रशिक्षण कार्यक्रमों का उपयोग:
Need Assessment के आधार पर NISHTHA जैसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों को डिज़ाइन किया जाएगा ताकि शिक्षक अपनी क्षमताओं को विकसित कर सकें।
उद्देश्य:
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शिक्षकों के लिए लक्ष्य आधारित, प्रासंगिक और व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करना।
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छात्रों के सीखने के परिणामों को बेहतर बनाना।
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शिक्षा व्यवस्था में Accountability और Professionalism को बढ़ावा देना।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के तहत शिक्षकों की आवश्यकताओं के मूल्यांकन (Teachers' Need Assessment) और उनके व्यावसायिक विकास के लिए झारखंड सरकार ने कई महत्वपूर्ण पहलें की हैं।
1. IMPACT NEP परियोजना
झारखंड सरकार ने IMPACT NEP नामक एक पहल शुरू की है, जिसका उद्देश्य राज्य में शिक्षा प्रणाली को सुदृढ़ करना है। इस परियोजना के अंतर्गत शिक्षकों, प्रधानाचार्यों, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (DIET) के संकायों और अन्य संबंधित पक्षों की नेतृत्व क्षमताओं का विकास किया जा रहा है, ताकि छात्रों के समग्र विकास को समर्थन मिल सके।
2. शिक्षकों के लिए न्यूनतम 50 घंटे का प्रशिक्षण
NEP 2020 के अनुसार, शिक्षकों के निरंतर व्यावसायिक विकास के लिए प्रति वर्ष कम से कम 50 घंटे के ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रशिक्षण की आवश्यकता है। झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद (JEPC) इस दिशा में कार्य कर रही है, ताकि शिक्षकों को आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान किया जा सके।
3. शिक्षकों की आवश्यकता मूल्यांकन (Teachers' Need Assessment - TNA)
राज्य ने सभी शिक्षकों के लिए एक मजबूत आवश्यकता मूल्यांकन (TNA) की योजना बनाई है, ताकि उनकी प्रशिक्षण आवश्यकताओं की पहचान की जा सके और उसी के अनुसार प्रशिक्षण कार्यक्रम विकसित किए जा सकें।
इन पहलों के माध्यम से झारखंड सरकार शिक्षकों की क्षमताओं को बढ़ाने और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने का प्रयास कर रही है।
इस असेसमेंट एवं प्रशिक्षण के बारे में जानने के लिए यह विडियो देखें :
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