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मौत... एक सच्चाई


🙏🏼🙏🏼🙏🏼मौत🙏🏼🙏🏼🙏🏼

वह लाल चुनर ओढे आएगी ले हाथों में वरमाला।
हो गई सगाई मेरी मैं हूँ जानेवाला।
वह प्रिय बन कर आएगी मेरी हाला।
मैं हूँ प्राण आहुति देने वाला।
है वह सरिता सी गरल सुधा बरसाने वाला।
में बनुँगा अमृत सा विष पीकर मरने वाला।
इसके मन में मैल तनिक न तिल भर भी काला।
भर अंक सुअंक है एक सा प्यार सबों को देने वाला।
मिल गया जिसको शरण,
दृग खोलता क्या।

है इसका स्वाद कैसा
दूसरों को बोलता क्या।
इसकी शय्या पर है ऐसा अमृत घोला।
एक पिलानेवाला दूसरा पीनेवाला।
हर तरफ हे चर्चा उसकी सब कहते।
       बहुत डरावनी दिखती है।
                                        पर सब फीके इसके आगे यह                                        
मृगनयनी सी लगती है।

किसने देखा है उसको हैं सब उससे डरने वाला।
पर एक ज्योत हर तन के अन्दर।
जो उस पर मरने वाला।
पर आज आएगी वह देने मुझको हाला।
में स्वागत में हूँ प्राण आहुति देने वाला ||

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